Loan Agreement की आवश्कता क्यों पड़ती है?
जायदा पैसे की जरूरत कब पड़ जाए यह कोई नहीं जानता, मुसीबत कभी भी आकर खड़ी हो जाति है। पैसे की जरूरत चाहे कुछ भी हो लेकिन उससे निपटने की लिए आपको धैर्य और पैसे की जरूरत होती है। अचानक से आपको कोई भी पैसे देने से मना कर देता है, जिसके बाद लोन लेने का विचार करते है। लोन के मामले में लोग सबसे जायदा यकीन बैंक के उपर करते है, क्योंकि वह भरोसेमंद है। आप जब किसी से उधार पैसे लेते है तो वह आपसे एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाता है ताकि आप उधारी चुकाने से पीछे न हट जाए।
इसी प्रकार जब आप बैंक से लोन लेते है तो वहां भी आपसे लोन के दौरान कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाता जाता है। इस कॉन्ट्रैक्ट को लोन एग्रीमेंट कहा जाता है, जो हर बैंक या वित्तीय संस्था लोन के दौरान साइन करवाती है। इसमें लोन से सम्बन्धित लेनदार और देनदार की पूरी जानकारी मौजूद होती है। लोन एग्रीमेंट में दोनो पक्षों के साइन कराए जाते है, ताकि आने वाले समय में दोनो अपनी बातो पर अडिग रहे। यदि आप भी बैंक से लोन लेना चाहते है, या ले रहे है तो आपके लोन एग्रीमेंट के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम आपको लोन एग्रीमेंट के बारे में पूरी जानकारी देंगे।
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Loan Agreement kya hota hai? || लोन एग्रीमेंट क्या होता है?
जब आप किसी वित्ती संस्था या बैंक से लोन लेते है, तो आपके और देनदार के बीच एक एग्रीमेंट साइन होता है, जिसे Loan Agreement कहा जाता है। इस लोन एग्रीमेंट में लोन से जुड़ी चीजे लिखी होती है, जैसे की ब्याज दर, ईएमआई, ईएमआई चुकाने की तारीख, लोन की राशि, लोन लेने की तारीख आदि। यह लोन एग्रीमेंट इसलिए साइन करवाया जाता है ताकि लोन की राशि आसानी से चुकाई जा सके। लोन एग्रीमेंट साइन होने के बाद देनदार आपसे जायदा ब्याज नही वसूल सकता।
Loan Agreement kaise hota hai? || लोन एग्रीमेंट कैसे होता है?
जब बैंक या कोई वित्त संस्था किसी को लोन देती है, तो लेनदार और देनदार के बीच लोन एग्रीमेंट साइन होता है। इसमें कुछ नियम और शर्ते होती है, जो लोन के समय ही निर्धारित की जाती है। दोनो इस बीच साइन इसलिए कराए जाते है की दोनो इन नियम और शर्तों से सहमत है। इसके अलावा इन नियम और शर्तों के खिलाफ दोनो में से कोई भी काम नही कर सकता। यदि कभी ऐसा होता है की दोनो पक्ष में से कोई नियमों का उलंघन करता है तो उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई होती है।
Loan Agreement kyu jaruri hai? || लोन एग्रीमेंट क्यों जरूरी है?
लोन एग्रीमेंट क्यों जरूरी है आइए विस्तार से इसके बारे में जानते है:
1: Loan Agreement एक ऐसा जरूरी दस्तावेज है जो बैंक और लोन लेने वाले के बीच एक प्रूफ होता है।
2: जब लोन एग्रीमेंट साइन हो जाता है, तो दोनो पक्षों से धोखे की संभावना कम हो जाति है।
3: दोनो पक्षों के बीच पैसे डूबने की संभावना कम हो जाति है।
4: लोन एग्रीमेंट में दी गई नियम और शर्तों को मानना जरूरी है, यदि इसका कोई उलंघन करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाती है।
5: लोन एग्रीमेंट के अनुसार लोन की राशि समय पर भरना जरूरी है।
लोन एग्रीमेंट में क्या जानकारी होती है?
अभी तक आपने जाना लोन एग्रीमेंट क्या है और यह क्यों जरूरी है, आइए अब जानते है की लोन एग्रीमेंट में क्या जानकारी होती है?
1: लोन एग्रीमेंट में लोन लेने की तारीख, लोन लेने का स्थान, लोन लेने वाले का एड्रेस, लोन लेने वाले का नाम, मोबाइल नंबर आदि।
2: लोन लेने वाले ने कितनी धनराशि ली है, और वह उसे कितने दिन में चुकाएगा।
3: इसके अलावा लोन एग्रीमेंट में लोन चुकाने की तारीख, लोन की राशि, लोन पर ब्याज दर, लोन चुकाने का तरीका, समय आदि जैसी जरूरी जानकारी इसमें मौजूद होती है।
4: लोन एग्रीमेंट में लेनदार के घर का एड्रेस, उसका मोबाइल नंबर, लोन वसूलने का तरीका आदि भी दिया होता है।
Loan Agreement kab Tak valid hota hai? || लोन एग्रीमेंट कब तक वैलिड होता है?
कोई भी बैंक या वित्त संस्था लोन देने के साथ में ही लोन एग्रीमेंट भी बनाती है। इस लोन एग्रीमेंट में लोन लेने से लेकर लोन चुकाने की आखरी तारीख तक लिखी जाती है। लोन चुकाने की जो आखरी तारीख होती है, या लोन एग्रीमेंट में जो आखरी तारीख लिखी जाती है उसी तारीख तक ही Loan Agreement वैध रहता है।
लोन एग्रीमेंट के बनने के बाद दोनो पक्षों के साइन इस एग्रीमेंट पर किए जाते है। इसका मतलब होता है की लोन एग्रीमेंट से दोनो पक्ष सहमत है। यदि इसके बाद भी कोई पक्ष धोका देता है तो उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई होगी।
Loan Agreement sign karte samay dhyan rakhne yogya baate? || लोन एग्रीमेंट साइन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें?
यदि आप अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए बैंक से लोन प्राप्त करना चाहते है। यदि आप लोन ले रहे है, या लोन लेने का विचार कर रहे है, तो इसके लिए आपको लोन एग्रीमेंट साइन करना होगा। Loan Agreement में साइन करवाने से पहले आपको कुछ बाते है जिसके बारे में आपको जान लेना जरूरी है। आइए एक बार उन सभी बातो पर विचार कर लेते हैं।
1: लोन एग्रीमेंट में मौजुद सभी नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़े, के कोई शर्त और नियम आपके खिलाफ तो नही है।
2: आपको यह जांचना है की लोन के ब्याज दर हमेशा एक ही रहेगी या हर महीने बदलती रहेगी।
3: अपने अनुसार ही लोन की अवधि रखे इसके अलावा आपको ईएमआई भरने की तिथि भी अपने अनुसार ही रखवानी है।
4: लोन की EMI, और भुगतान की तारीख की भी जांच करे।
5: इसके अलावा आपको Loan Agreement बनवाते समय यह भी जांच करनी है की आपसे किसी प्रकार का प्रीपेमेंट चार्ज तो नही लिया जा रहा।
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Frequently Asked Question?
लोन एग्रीमेंट क्यों बनाया जाता है?
लोन एग्रीमेंट इसलिए बनाया जाता है ताकि लेनदार और देनदार दोनो आपस में एक दूसरे को धोका न दे। इसके अलावा इससे पता चलता है की दोनो बैंक के नियम और शर्तों से सहमत है।
लोन एग्रीमेंट कब तक वैद्य है?
लोन एग्रीमेंट के ऊपर लोन एग्रीमेंट की वैलिडिटी खतम होने की तिथि लिखी रहती है जिसे पूरा होने के बाद लोन एग्रीमेंट समाप्त हो जाता है।
Conclusion.
लोन एग्रीमेंट एक जरूरी दस्तावेज है, जिसे आपको लोन के समय साइन करने के बैंक की ओर से दिया जाता है। आपको लोन एग्रीमेंट को साइन करने से पहले उसकी जांच जरूर करनी है। तो यह थी लोन एग्रीमेंट के बारे में कुछ जानकारी, की लोन एग्रीमेंट क्या होता है, और लोन एग्रीमेंट जरूरी क्यों है? उम्मीद है लोन एग्रीमेंट के बार में आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, यदि आपको यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे जायदा से जायदा शेयर करे। यदि आपके दिमाग में कोई सवाल है तो उसे Comment box में जरूर पूछे।
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